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कौन हैं मौलाना तौकीर रजा खान जिन पर CM योगी ने दिखाई सख्ती

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प्रस्तावना

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हाल ही में उत्तर प्रदेश के बरेली में हुए बवाल ने पूरे प्रदेश की राजनीति को गर्मा दिया है। इस विवाद के केंद्र में रहे मौलाना तौकीर रजा खान एक बार फिर सुर्खियों में हैं। प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने उन्हें सख्त चेतावनी दी है और साफ कहा है कि कानून व्यवस्था से खिलवाड़ करने वालों पर बख्शिश नहीं होगी। लेकिन सवाल यह उठता है कि आखिर ये मौलाना तौकीर रजा खान कौन हैं, उनकी पृष्ठभूमि क्या है और क्यों वे बार-बार विवादों में घिर जाते हैं?


मौलाना तौकीर रजा खान का परिचय

मौलाना तौकीर रजा खान का नाम बरेली की मशहूर बरेलवी दरगाह आला हज़रत से जुड़ा हुआ है। वे इत्तेहाद-ए-मिल्लत काउंसिल (IMC) नामक राजनीतिक पार्टी के प्रमुख हैं।

  • वे एक इस्लामी धर्मगुरु, राजनीतिज्ञ और बरेलवी समाज में प्रभावशाली चेहरे के तौर पर जाने जाते हैं।

  • उनकी पहचान एक कट्टरपंथी मौलाना के रूप में भी होती है, जो कई बार विवादित बयान देकर चर्चा में रहते हैं।


राजनीतिक सफर

मौलाना तौकीर रजा खान का राजनीति से जुड़ाव कई दशक पुराना है।

  1. इत्तेहाद-ए-मिल्लत काउंसिल (IMC) की स्थापना कर उन्होंने मुस्लिम समुदाय के राजनीतिक हितों को आवाज़ देने का दावा किया।

  2. वे पहले कांग्रेस पार्टी से जुड़े और समर्थन भी दिया।

  3. बाद में उन्होंने समाजवादी पार्टी (SP) का दामन थामा और अखिलेश यादव के करीबी माने गए।

  4. चुनावी राजनीति में उनकी पकड़ सीमित रही, लेकिन मुस्लिम वोटबैंक पर असर डालने वाले नेता के रूप में उनकी छवि बनी रही।


विवादित बयान और छवि

मौलाना तौकीर रजा खान की छवि हमेशा से ही विवादों से घिरी रही है।

  • वे कई बार हिंदू संगठनों और बीजेपी सरकार के खिलाफ तीखे बयान दे चुके हैं।

  • कई मौकों पर उन्होंने फतवे जारी किए, जिससे उनकी आलोचना हुई।

  • उन पर कट्टरपंथ को बढ़ावा देने और लोगों को भड़काने के आरोप भी लगते रहे हैं।

  • मीडिया रिपोर्ट्स में कई बार उन्हें साम्प्रदायिक माहौल खराब करने वाला चेहरा कहा गया है।


बरेली बवाल और मौलाना तौकीर रजा खान

हाल ही में बरेली में हुई घटना ने एक बार फिर तौकीर रजा को केंद्र में ला दिया।

  • बवाल के दौरान बड़ी संख्या में लोग सड़कों पर उतरे और हिंसक झड़पें हुईं।

  • प्रशासन ने मामले को नियंत्रित करने के लिए फोर्स और इंटरनेट बैन जैसी सख्ती बरती।

  • इस पूरे प्रकरण में मौलाना तौकीर रजा खान का नाम सामने आया और उन पर भीड़ को भड़काने के आरोप लगे।


CM योगी आदित्यनाथ की सख्त चेतावनी

उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने बरेली की घटना पर सख्त रुख अपनाया।

  • उन्होंने साफ कहा कि अराजकता फैलाने वालों को किसी भी कीमत पर बख्शा नहीं जाएगा।

  • योगी सरकार ने तौकीर रजा खान के खिलाफ कार्रवाई करने के संकेत दिए हैं।

  • सीएम ने यह भी दोहराया कि कानून हाथ में लेने वालों पर कड़ी कार्रवाई होगी, चाहे वह कोई भी धर्मगुरु क्यों न हो।


मुस्लिम राजनीति में मौलाना तौकीर रजा की भूमिका

मौलाना तौकीर रजा खान मुस्लिम राजनीति में एक अहम भूमिका निभाते हैं।

  • वे हमेशा से ही मुस्लिम समाज को संगठित करने की बात करते रहे हैं।

  • वे भाजपा और हिंदुत्व राजनीति के बड़े आलोचक हैं।

  • कई मौकों पर उन्होंने मुस्लिम वोटों को एकजुट करने की कोशिश की है, लेकिन चुनावी सफलता सीमित रही।


मौलाना तौकीर रजा बनाम योगी आदित्यनाथ

यह पहला मौका नहीं है जब मौलाना तौकीर रजा और योगी आदित्यनाथ आमने-सामने आए हों।

  • पहले भी उनके बयानबाजी के कारण दोनों के बीच टकराव हुआ है।

  • योगी सरकार के आने के बाद तौकीर रजा कई बार खुलकर आलोचना कर चुके हैं।

  • लेकिन बरेली बवाल के बाद स्थिति और गंभीर हो गई है।


समर्थकों की प्रतिक्रिया

  • तौकीर रजा के समर्थकों का कहना है कि वे निर्दोष हैं और केवल समुदाय की आवाज़ उठा रहे हैं।

  • उनका दावा है कि सरकार उन्हें राजनीतिक रूप से निशाना बना रही है।

  • वहीं आलोचकों का कहना है कि उनके बयान और गतिविधियां साम्प्रदायिक तनाव को भड़काती हैं।


बरेली और आला हज़रत दरगाह का महत्व

बरेली को बरेलवी मुसलमानों का गढ़ माना जाता है।

  • यहां स्थित आला हज़रत दरगाह का धार्मिक और सामाजिक महत्व बहुत बड़ा है।

  • मौलाना तौकीर रजा खान इसी दरगाह से जुड़े होने के कारण एक मजबूत धार्मिक पहचान रखते हैं।

  • यही वजह है कि उनका प्रभाव बरेली और आसपास के क्षेत्रों में काफी ज्यादा है।


भविष्य की राजनीति पर असर

बरेली बवाल और CM योगी की चेतावनी के बाद सवाल उठ रहा है कि इसका असर उत्तर प्रदेश की राजनीति पर कितना होगा।

  • मुस्लिम वोटबैंक में तौकीर रजा की स्थिति कमजोर हो सकती है।

  • दूसरी ओर, योगी सरकार इसे कानून-व्यवस्था की सख्ती के तौर पर पेश कर सकती है।

  • यह मुद्दा आगामी चुनावों में भी गूंज सकता है।


निष्कर्ष

मौलाना तौकीर रजा खान उत्तर प्रदेश की राजनीति और धर्म की दुनिया का एक बड़ा नाम हैं। उनका नाम हमेशा विवादों और कट्टरपंथी छवि से जुड़ा रहा है। बरेली बवाल ने एक बार फिर उन्हें सुर्खियों में ला दिया है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की चेतावनी से साफ है कि सरकार इस बार किसी भी तरह की ढिलाई नहीं बरतने वाली। आने वाले समय में यह देखना दिलचस्प होगा कि मौलाना तौकीर रजा खान की राजनीतिक और सामाजिक भूमिका किस दिशा में जाती है।

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