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दिल्ली की जहरीली हवा: AQI खतरनाक स्तर पर, लोगों के स्वास्थ्य पर बड़ा असर

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 AQI खतरनाक स्तर पर, लोगों के स्वास्थ्य पर बड़ा असर

दिल्ली-NCR एक बार फिर खतरनाक वायु प्रदूषण की गिरफ्त में है। सर्दियों की शुरुआत होते ही राजधानी की हवा लगातार जहरीली होती जा रही है, जिसके कारण कई इलाकों में एयर क्वालिटी इंडेक्स (AQI) 400 के पार पहुंच गया है। यह स्तर ‘Severe Category’ में आता है, जो सीधे-सीधे स्वास्थ्य को प्रभावित करता है। सुबह और शाम के समय हवा में धुंध, स्मॉग और प्रदूषक कणों की परत साफ दिखाई देती है, जिससे लोगों के लिए सामान्य सांस लेना भी कठिन हो चुका है।

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राजधानी में प्रदूषण का यह स्तर हर साल की तरह इस बार भी बड़ी चिंता का विषय बन गया है। विशेषज्ञों के अनुसार बढ़ते वाहन, निर्माण कार्य, औद्योगिक उत्सर्जन और पड़ोसी राज्यों में पराली जलाने की घटनाओं से हवा में PM2.5 व PM10 कणों की मात्रा तेजी से बढ़ी है। कमजोर हवा की गति और ठंड के चलते ये कण वातावरण में ही फंस जाते हैं और सांस की नलियों में घुसकर गंभीर समस्याओं का कारण बनते हैं।


दिल्ली-NCR में AQI खतरनाक क्यों हुआ?

दिल्ली-NCR में प्रदूषण का स्तर अचानक बढ़ने के पीछे कई बड़ी वजहें हैं, जिनकी मार सीधे जनता पर पड़ रही है। मुख्य कारण इस प्रकार हैं:

1. पराली जलाने के बढ़ते मामले

हर साल की तरह पंजाब और हरियाणा में पराली जलाने की घटनाएं सर्दियों से पहले बढ़ जाती हैं। हवा की दिशा बदलते ही धुआं दिल्ली-NCR की ओर आने लगता है। हालिया रिपोर्टों के अनुसार पराली से उठने वाला धुआं कुल प्रदूषण में लगभग 25–40% तक योगदान देता है।

2. ठंडी हवाएं और मौसम में बदलाव

नवंबर-दिसंबर के दौरान तापमान गिरने लगता है। ठंडी हवाओं की कमी और हवा की धीमी रफ्तार के कारण प्रदूषक कण वातावरण में फंस जाते हैं। इसी वजह से स्मॉग की मोटी चादर राजधानी को ढक लेती है।

3. वाहनों से निकलने वाला धुआं

दिल्ली-NCR में प्रतिदिन लाखों वाहन सड़क पर निकलते हैं। कार, बाइक, ट्रक और डीजल से चलने वाले भारी वाहन नाइट्रोजन ऑक्साइड, कार्बन मोनोऑक्साइड और PM2.5 जैसे खतरनाक कण उत्सर्जित करते हैं। ट्रैफिक जाम होने से ये स्तर और अधिक बढ़ जाते हैं।

4. निर्माण गतिविधियाँ

निर्माण स्थलों से उड़ने वाली धूल सीधे हवा की गुणवत्ता को खराब करती है। पर्याप्त कवरिंग और सुरक्षा उपाय न होने पर धूल तेजी से फैलती है और AQI बढ़ने लगता है।

5. औद्योगिक प्रदूषण

दिल्ली-NCR के आसपास फैक्ट्रियों में प्रदूषण नियंत्रण के नियमों का पूरी तरह पालन नहीं होता। इससे जहरीला धुआं हवा में मिलकर प्रदूषण को कई गुना बढ़ा देता है।


AQI 400+ का शरीर पर प्रभाव: कौन-कौन सी बीमारियाँ बढ़ने का खतरा

AQI के 400 से ऊपर पहुंचने का मतलब है कि हवा में प्रदूषण इतना ज्यादा है कि वह स्वस्थ व्यक्ति पर भी गंभीर असर डाल सकता है। विशेषज्ञों के अनुसार:

➡️सांस लेने में दिक्कत और सीने में दर्द

➡️गले में जलन, खांसी और एलर्जी

➡️आंखों में जलन और पानी आना

➡️अस्थमा और ब्रोंकाइटिस के मरीजों की स्थिति बिगड़ना

➡️हृदय और फेफड़ों की कार्य क्षमता में कमी

➡️बच्चों और बुजुर्गों में श्वसन संक्रमण का खतरा कई गुना बढ़ जाता है

WHO के मुताबिक PM2.5 का ज्यादा संपर्क लंबी अवधि में फेफड़ों के कैंसर, दिल के दौरे और स्ट्रोक जैसी गंभीर बीमारियों का कारण बन सकता है।


दिल्ली सरकार और प्रशासन की ओर से उठाए जा रहे कदम

दिल्ली-NCR में प्रदूषण संकट को देखते हुए सरकार की ओर से कई तरह की कार्य योजनाएं लागू की जा रही हैं।

1. ग्रेडेड रिस्पांस एक्शन प्लान (GRAP) लागू

AQI के बढ़ने पर GRAP के तहत अलग-अलग चरणों में सख्ती बढ़ाई जाती है।
400+ AQI पर:

➡️निर्माण कार्यों पर रोक

➡️ट्रकों की एंट्री बंद

➡️डीजल जेनरेटर पर प्रतिबंध

➡️सड़क पर पानी का छिड़काव

➡️प्रदूषण रोकने के लिए एंटी स्मॉग गन का उपयोग

2. स्कूलों को बंद करने की तैयारी

गंभीर स्थिति होने पर कई स्कूल ऑनलाइन मोड में शिफ्ट करने पर विचार करते हैं, ताकि बच्चों के स्वास्थ्य को नुकसान न पहुंचे।

3. इलेक्ट्रिक वाहनों को बढ़ावा

ई-व्हीकल पॉलिसी के तहत सरकार इलेक्ट्रिक वाहन अपनाने के लिए लोगों को प्रोत्साहित कर रही है।

4. निर्माण स्थलों पर निगरानी

धूल नियंत्रण के लिए कवरिंग, मिस्टिंग मशीन और वेस्ट मैनेजमेंट की जांच की जा रही है।


लोगों को क्या सावधानियाँ बरतनी चाहिए?

जब हवा की गुणवत्ता इतनी खराब हो जाती है, तो जनता का सचेत और जागरूक रहना बेहद जरूरी है।

➡️N95 या N99 मास्क पहनें

➡️सुबह-शाम बाहर कम निकलें

➡️घर में एयर प्यूरीफायर का उपयोग करें

➡️बच्चों, बुजुर्गों और मरीजों को विशेष सुरक्षा दें

➡️घर के आसपास पौधे लगाएं

➡️वाहन का कम उपयोग करें और कार-पूलिंग अपनाएं

➡️भरपूर पानी पिएं और विटामिन-C वाले खाद्य पदार्थ खाएं


क्या दिल्ली-NCR का प्रदूषण खत्म हो सकता है?

विशेषज्ञों का मानना है कि यदि सरकार, उद्योग, किसान और आम जनता मिलकर प्रयास करें, तो स्थिति को काफी हद तक सुधारा जा सकता है।

➡️स्वच्छ ऊर्जा

➡️कड़े प्रदूषण मानक

➡️पराली प्रबंधन

➡️सार्वजनिक परिवहन को मजबूत करने
जैसे उपाय लंबे समय में हवा को साफ करने में मदद कर सकते हैं।

लेकिन जब तक ये बड़े बदलाव नहीं होते, हर साल की तरह सर्दियों में दिल्ली का दम घुटना जारी रहेगा।


निष्कर्ष

दिल्ली-NCR में AQI का 400 के पार पहुंचना सिर्फ एक मौसमीय समस्या नहीं, बल्कि लगातार बढ़ते प्रदूषण की गंभीर चेतावनी है। यह हमारे जीवन, स्वास्थ्य और भविष्य के लिए खतरा बन चुका है। सरकार और जनता दोनों को मिलकर सख्त कदम उठाने होंगे, तभी हवा दोबारा सांस लेने लायक बन पाएगी।

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