भारत के प्रमुख उद्योगपति और अडानी समूह के चेयरमैन, गौतम अडानी, इन दिनों विवादों के कारण सुर्खियों में हैं। अमेरिका में रिश्वतखोरी और धोखाधड़ी के गंभीर आरोपों के बाद, अडानी समूह को एक और बड़ा झटका लगा है। फ्रांसीसी मल्टीनेशनल कंपनी, टोटलएनर्जी ने ऐलान किया है कि वह अब अडानी समूह में कोई नया निवेश नहीं करेगी। इसके साथ ही, अडानी ग्रीन एनर्जी के शेयरों में भारी गिरावट आई है।
क्या कहा है टोटलएनर्जी ने?
टोटलएनर्जी ने सोमवार को एक आधिकारिक बयान जारी करते हुए कहा कि जब तक अडानी समूह के खिलाफ चल रहे आरोपों और उनके परिणाम स्पष्ट नहीं हो जाते, तब तक वह अडानी समूह की कंपनियों में किसी भी रूप में नए वित्तीय योगदान से बचेंगे। कंपनी ने यह भी स्पष्ट किया कि टोटलएनर्जी भ्रष्टाचार को किसी भी हालत में बर्दाश्त नहीं करेगी।
अडानी समूह पर लगे गंभीर आरोप
अडानी समूह के खिलाफ अमेरिकी न्याय विभाग द्वारा रिश्वतखोरी और सिक्योरिटी धोखाधड़ी के आरोप लगाए गए हैं। आरोपों के अनुसार, अडानी और उनके भतीजे, सागर अडानी ने आंध्र प्रदेश जैसे राज्य सरकारों के अधिकारियों को महंगी सोलर एनर्जी खरीदने के लिए रिश्वत दी, जिससे उन्हें 20 वर्षों में दो अरब अमेरिकी डॉलर से अधिक का लाभ हुआ।
हालांकि, अडानी समूह ने इन आरोपों को निराधार बताते हुए उनका विरोध किया और कहा कि समूह ने हमेशा सभी कानूनों का पालन किया है।
शेयर बाजार पर प्रभाव
टोटलएनर्जी के इस ऐलान के बाद, अडानी ग्रीन एनर्जी के शेयरों में तेज गिरावट आई। सोमवार को कंपनी के शेयर 10% गिरकर ₹948.20 पर पहुंच गए। इससे निवेशकों के बीच चिंता का माहौल है, और अडानी समूह की वित्तीय स्थिति पर सवाल खड़े हो गए हैं।
क्या है पूरा मामला?
अडानी समूह और उसके प्रमुख गौतम अडानी पर अमेरिकी अधिकारियों द्वारा रिश्वतखोरी और सिक्योरिटी धोखाधड़ी के आरोप लगाए गए हैं। यह आरोप विशेष रूप से राज्य सरकारों के अधिकारियों को रिश्वत देने के संबंध में हैं, ताकि महंगी सोलर एनर्जी खरीदने के लिए उनका समर्थन प्राप्त किया जा सके।
अदालत ने इस मामले में अडानी और उनके परिवार के अन्य सदस्यों, जैसे उनके भतीजे सागर अडानी, के खिलाफ जांच शुरू की है। इन आरोपों के कारण अडानी समूह की छवि पर गंभीर असर पड़ा है, और यह समूह के व्यापारिक भविष्य के लिए चिंता का कारण बन सकता है।
क्या इसका असर भारतीय बाजार पर पड़ेगा?
अडानी समूह के कारोबार और भारत के ऊर्जा क्षेत्र में इसकी स्थिति को लेकर चिंता की स्थिति बनी हुई है। टोटलएनर्जी का यह कदम न केवल अडानी समूह के लिए एक चुनौती है, बल्कि भारतीय अर्थव्यवस्था पर भी इसका गहरा असर पड़ सकता है।
निवेशकों के लिए क्या इसका मतलब है?
इस स्थिति से निवेशकों के लिए निराशा का कारण बन सकती है। अडानी समूह के शेयरों में निरंतर उतार-चढ़ाव देखने को मिल रहे हैं, और ऐसे में निवेशकों को अपनी रणनीतियों पर पुनर्विचार करना चाहिए।
अडानी समूह का प्रतिक्रिया:
अडानी समूह ने इन आरोपों का खंडन करते हुए कहा कि वे हमेशा अपने व्यापारिक कार्यों में कानूनी और नैतिक दिशा-निर्देशों का पालन करते हैं। समूह का कहना है कि इन आरोपों के पीछे कोई ठोस प्रमाण नहीं है और वे इस मामले में पूरी तरह से निपटने के लिए तैयार हैं।