भारत-PAK जंग को चीन ने बनाया अपने हथियारों का टेस्टिंग ग्राउंड — बड़ा खुलासा
भारत और पाकिस्तान के बीच दशकों से जारी तनाव का फायदा उठाने की कोशिश कई देशों ने की है, लेकिन एक बड़ा खुलासा सामने आया है कि चीन लंबे समय से भारत-पाकिस्तान संघर्ष को अपने हथियारों का ‘टेस्टिंग ग्राउंड’ (Testing Ground) बनाता रहा है। यह खुलासा न केवल कूटनीतिक तौर पर महत्वपूर्ण है, बल्कि दक्षिण एशिया की सुरक्षा व्यवस्था और संतुलन पर भी गहरा असर डालता है।
- भारत-PAK तनाव चीन के लिए ‘लाभ का बाजार’ कैसे बना?
नई रिपोर्ट्स, खुफिया इनपुट्स और विशेषज्ञों के विश्लेषण बताते हैं कि चीन Pakistan को सिर्फ एक सहयोगी या रणनीतिक साझेदार के रूप में नहीं देखता, बल्कि उसके भू-राजनीतिक तनावों का इस्तेमाल अपने सैन्य उपकरणों, मिसाइल तकनीक और ड्रोन सिस्टम को टेस्ट करने के लिए करता है। यह स्थिति भारत के लिए चिंता का विषय इसलिए भी है क्योंकि भारत की सीमाएँ दो परमाणु संपन्न विरोधियों से घिरी हुई हैं — और दोनों पर चीन का प्रभाव और सहयोग बढ़ता जा रहा है।
कैसे हुआ बड़ा खुलासा?
चीन और पाकिस्तान के रक्षा सहयोग पर पहले भी कई दस्तावेज सामने आते रहे हैं, लेकिन हालिया रिपोर्ट्स ने कई चौंकाने वाले तथ्य उजागर किए हैं:
1. चीन अपने नए हथियारों की फील्ड टेस्टिंग पाकिस्तान के जरिए कराता है
कई रक्षा विश्लेषकों ने दावा किया है कि चीन अपने नए ड्रोन, मिसाइल सिस्टम, एंटी-टैंक गाइडेड मिसाइल (ATGM) और आर्टिलरी टेक्नोलॉजी को पाकिस्तान की सेना के जरिए वास्तविक युद्ध जैसी स्थितियों में टेस्ट करता है।
2. पाकिस्तान की सेना चीन के हथियारों को LOC के पास इस्तेमाल करती है
पाकिस्तान को दिए गए चीनी हथियारों का अक्सर इस्तेमाल भारत-पाकिस्तान सीमा (LoC) पर किया जाता है, जिससे चीन को अपने हथियारों की क्षमता और खामियों की असली जानकारी मिलती रहती है।
3. CPEC और रक्षा समझौतों के पीछे छिपा एजेंडा
चीन-पाकिस्तान आर्थिक गलियारा (CPEC) सिर्फ आर्थिक परियोजना नहीं है, बल्कि चीन की सैन्य और रणनीतिक मौजूदगी का एक बड़ा प्लेटफॉर्म भी है। CPEC के बहाने चीन पाकिस्तान की सैन्य गतिविधियों पर गहरी पकड़ बनाए हुए है।
भारत-PAK तनाव चीन के लिए ‘लाभ का बाजार’ कैसे बना?
भारत और पाकिस्तान के बीच हर झड़प, हर तनाव, और हर सीमा पर गोलीबारी, चीन के लिए एक अवसर बन जाती है।
1. हथियारों की बिक्री और प्रदर्शन
पाकिस्तान चीन से लड़ाकू विमान (JF-17), ड्रोन (Wing Loong-II), मिसाइलें, टैंक और रडार सिस्टम खरीदता है। यह हथियार जब LoC के पास उपयोग होते हैं, तो चीन को असली फीडबैक मिलता है कि उसके हथियार युद्ध में कैसे परफॉर्म कर रहे हैं।
2. वास्तविक ‘कंडीशन्स’ में हथियारों की जांच
जहाँ अधिकतर देश केवल प्रयोगशालाओं या ट्रेनिंग ग्राउंड पर हथियारों का टेस्ट करते हैं, चीन को एक ऐसा देश मिला है जो उसके हथियारों को वास्तविक सैन्य तनाव वाले इलाकों में आजमाता है।
3. पाकिस्तान की चीन पर पूरी निर्भरता
चीन ने पाकिस्तान की अर्थव्यवस्था, सेना, परमाणु कार्यक्रम और इंफ्रास्ट्रक्चर में इतना निवेश किया है कि पाकिस्तान चीन के इशारों से बाहर नहीं निकल सकता। यही कारण है कि पाकिस्तान भारत के खिलाफ चीन की सैन्य रणनीति का हिस्सा बन चुका है।
भारत के खिलाफ चीन की दो-तरफा रणनीति
भारत को घेरने और कमजोर करने के लिए चीन दो तरफा रणनीति काम में लाता है।
1. पूर्वी सीमा पर दबाव (LAC)
चीन लगातार LAC पर घुसपैठ, निर्माण और सैन्य तैनाती बढ़ा रहा है। भारत को पूर्वी सीमा पर अपना ध्यान और सेना केंद्रित करनी पड़ती है।
2. पश्चिम की ओर ‘प्रॉक्सी’ तैयार — पाकिस्तान
पाकिस्तान चीन का युद्ध-प्रयोगशाला (War Lab) बन चुका है। चीन पाकिस्तान को हथियार देकर यह सुनिश्चित करता है कि भारत हमेशा तनाव में रहे और उसकी रक्षा क्षमताएँ दो मोर्चों पर बंट जाएँ।
खुलासे के बाद क्या बदलेगा?
1. भारत की कूटनीतिक रणनीति और सख्त होगी
भारत अब चीन-पाकिस्तान की संयुक्त सैन्य गतिविधियों को अधिक गंभीरता से लेगा और वैश्विक मंचों पर इसे मुद्दा बना सकता है।
2. भारतीय सेना नई तकनीक और निगरानी बढ़ाएगी
LoC और LAC के पास नई तकनीक, एंटी-ड्रोन सिस्टम और इलेक्ट्रॉनिक इंटेलिजेंस को भारत और मजबूत करेगा।
3. चीन की वैश्विक छवि को नुकसान
अगर यह खुलासा बड़े अंतरराष्ट्रीय मंचों पर उठाया जाता है, तो China पर ‘अस्थिरता फैलाने’ और ‘हथियारों के दुरुपयोग’ के आरोप लग सकते हैं।
4. पाकिस्तान की निर्भरता और बढ़ेगी
आर्थिक और राजनीतिक रूप से कमजोर पाकिस्तान चीन के इशारों पर और ज्यादा चलेगा, जिससे भारत के लिए स्थिति और चुनौतीपूर्ण हो सकती है।
भारत के लिए यह खुलासा क्यों बेहद खतरनाक है?
1. वास्तविक युद्ध स्थिति में चीन के हथियारों को advantage मिलता है
भारत के खिलाफ इस्तेमाल हुए हथियारों की कमियाँ चीन तुरंत सुधार लेता है।
2. पाकिस्तान को लगातार नई तकनीक मिलती रहती है
जो हथियार आज पाकिस्तान के पास हैं, कल उससे ज्यादा एडवांस सिस्टम उसके पास होंगे।
3. दो तरफा सैन्य दबाव बना रहता है
LAC पर चीन को रोकना और LoC पर पाकिस्तान का सामना करना — यह भारत के संसाधनों पर लगातार दबाव बढ़ाता है।
4. दक्षिण एशिया का शक्ति संतुलन बदल सकता है
अगर चीन-पाकिस्तान की जुगलबंदी ऐसे ही बढ़ती रही, तो क्षेत्र में सैन्य तनाव और अस्थिरता और बढ़ सकती है।
निष्कर्ष
भारत-पाकिस्तान तनाव को चीन द्वारा “हथियारों का टेस्टिंग ग्राउंड” बनाना न केवल एक चौंकाने वाला खुलासा है, बल्कि यह भारत की सुरक्षा रणनीति के लिए एक गंभीर चेतावनी भी है। चीन अपने सैन्य विस्तार और तकनीक की बढ़त को पाकिस्तान के जरिए मजबूत कर रहा है। यह साझेदारी आने वाले समय में भारत के लिए नई चुनौतियाँ पैदा करेगी — चाहे वह सीमा सुरक्षा हो, अंतरराष्ट्रीय कूटनीति हो या रक्षा तैयारियाँ।
भारत को अब सिर्फ पाकिस्तान नहीं, बल्कि चीन-पाकिस्तान संयुक्त रणनीति की तैयारी करनी होगी, क्योंकि दक्षिण एशिया की नई शक्ति-गणित में चीन सबसे बड़ा खिलाड़ी बनकर उभर रहा है।
👉 आगे पढ़ें : G20 शिखर सम्मेलन से ट्रम्प की गैरहाजिरी, पुतिन की गिरफ्तारी का डर और जिनपिंग की तबीयत: भारत के लिए G20 क्यों खास?