कोलकाता में भूकंप के तेज झटके, ढाका तक महसूस हुई हलचल
कोलकाता में मंगलवार सुबह आए भूकंप ने पूरे शहर को हिला दिया। रिक्टर स्केल पर इसकी तीव्रता 5.6 मापी गई, जिसकी वजह से लोगों में घबराहट का माहौल बन गया। खास बात यह रही कि इस भूकंप के झटके सिर्फ पश्चिम बंगाल तक सीमित नहीं रहे, बल्कि पड़ोसी देश बांग्लादेश की राजधानी ढाका में भी महसूस किए गए। अचानक आए इन झटकों के बाद लोगों ने अपने घरों और दफ्तरों से बाहर निकलकर खुले स्थानों में शरण ली। सोशल मीडिया पर भी भूकंप के झटके महसूस करने की खबरें तेजी से वायरल होने लगीं।
भूकंप का केंद्र और गहराई
भूकंप विभाग के अनुसार, इस झटके का केंद्र बंगाल-आसाम सीमा के पास स्थित क्षेत्र में था। वैज्ञानिकों ने बताया कि भूकंप की गहराई सतह से लगभग 10 किलोमीटर के आसपास थी, जिसकी वजह से झटके तेज महसूस किए गए। सामान्यत: कम गहराई वाले भूकंप का प्रभाव ज्यादा दिखाई देता है, क्योंकि धरती की सतह पर कंपन अधिक होता है। यही कारण रहा कि भूकंप का असर कोलकाता, नादिया, मुर्शिदाबाद, हावड़ा, हुगली और दक्षिण 24 परगना जिलों में स्पष्ट रूप से महसूस किया गया।
लोगों में भय, सड़कों पर उमड़ी भीड़
जैसे ही इमारतें हिलने लगीं, लोग तुरंत अपने घरों और ऑफिसों से बाहर निकल आए। कई स्थानों पर लोग खुले मैदानों, पार्कों और सड़क किनारे खाली जगहों में जमा हो गए। ऑफिसों में काम कर रहे लोगों ने कुर्सियों को हिलता हुआ महसूस किया। कुछ लोगों ने बताया कि पंखे और खिड़कियां जोर-जोर से हिलने लगीं जिससे उन्हें पहले लगा कि शायद कोई तकनीकी खराबी है। लेकिन कुछ ही पल में समझ आ गया कि यह भूकंप है।
सोसाइटी और अपार्टमेंट्स में रहने वाले परिवारों ने बच्चों और बुजुर्गों को नीचे लाने में तेजी दिखाई। जिनकी इमारतें ऊँची थीं, उन्हें नीचे आने में समय लगा और इससे दहशत और बढ़ गई। हालांकि अभी तक किसी बड़े नुकसान की पुष्टि नहीं हुई है।
ढाका में भी महसूस हुए झटके
भूकंप के झटके ढाका और उसके आसपास के कई क्षेत्रों में महसूस किए गए। बांग्लादेश के मीडिया ने जानकारी दी कि राजशाही, सिलहट और खुलना क्षेत्रों में भी कंपन महसूस हुआ। स्थानीय प्रशासन ने लोगों से शांति बनाए रखने और आवश्यक सावधानियां अपनाने की अपील की। कई ऑफिसों और स्कूलों में अलर्ट जारी कर दिया गया ताकि किसी भी आपात स्थिति से निपटा जा सके।
क्या कहता है विशेषज्ञों का विश्लेषण?
भूकंप विशेषज्ञों का मानना है कि पूर्वी भारत और बांग्लादेश का इलाका भूकंप की दृष्टि से संवेदनशील माना जाता है। इस क्षेत्र के नीचे कई सक्रिय टेक्टॉनिक प्लेट्स मिलती हैं, जिससे कभी-कभी कंपन आते रहते हैं। विशेषज्ञों के अनुसार, 5.6 की तीव्रता का भूकंप काफी प्रभावशाली माना जाता है, लेकिन अगर केंद्र घनी आबादी वाले शहर के पास होता, तो इसका नुकसान कई गुना अधिक हो सकता था।
कुछ विशेषज्ञों ने चेतावनी दी है कि ऐसे झटके एक बड़े भूकंप की संभावना का संकेत भी हो सकते हैं, इसलिए लोगों को सतर्क रहना चाहिए। हालांकि फिलहाल किसी बड़े आफ्टरशॉक की जानकारी नहीं मिली है।
सरकार और प्रशासन की प्रतिक्रिया
भूकंप के बाद कोलकाता नगर निगम और राज्य आपदा प्रबंधन विभाग तुरंत सक्रिय हो गया। शहर के कई इलाकों में सुरक्षा जांच की गई ताकि यह पता लगाया जा सके कि कहीं कोई संरचनात्मक नुकसान तो नहीं हुआ। मेट्रो सेवाओं, फ्लाईओवर और पुराने भवनों की विशेष जांच की गई।
राज्य सरकार ने हेल्पलाइन नंबर जारी किए और लोगों से अफवाहों पर भरोसा न करने की अपील की। साथ ही प्रशासन ने कहा कि स्थिति पूरी तरह नियंत्रण में है और किसी भी आपात परिस्थिति से निपटने के लिए टीमें तैयार हैं।
स्कूलों और ऑफिसों में अलर्ट
कई स्कूलों में छात्रों को भवन से बाहर निकालकर ग्राउंड में खड़ा किया गया। कुछ निजी कंपनियों ने कर्मचारियों को थोड़े समय के लिए बाहर रहने की सलाह दी। अस्पतालों में भी आपात व्यवस्था को सक्रिय किया गया ताकि किसी भी अप्रत्याशित घटना से निपटा जा सके।
लोगों का सोशल मीडिया पर प्रतिक्रिया
भूकंप के कुछ सेकंड बाद ही ट्विटर (अब X), फेसबुक और इंस्टाग्राम पर भूकंप से जुड़े पोस्ट तेजी से आने लगे। कई लोगों ने अपने घरों में हिलती वस्तुओं के वीडियो शेयर किए। कुछ ने यह भी लिखा कि उन्होंने अपने जीवन में पहली बार इतना तेज झटका महसूस किया।
सोशल मीडिया पर #KolkataEarthquake और #DhakaEarthquake ट्रेंड करने लगा। कई यूज़र्स ने प्रशासन की त्वरित कार्रवाई की सराहना भी की।
क्या करें भूकंप के दौरान?
भूकंप के बाद एक बार फिर यह चर्चा जोर पकड़ने लगी कि लोगों को ऐसी परिस्थिति में क्या सावधानियां बरतनी चाहिए। विशेषज्ञों ने कुछ महत्वपूर्ण टिप्स साझा किए:
➡️ घबराएं नहीं और शांत रहें
➡️ इमारत से तुरंत बाहर निकलें
➡️ लिफ्ट का उपयोग बिल्कुल न करें
➡️ किसी मजबूत मेज या टेबल के नीचे बैठें
➡️ बिजली के तारों और भारी वस्तुओं से दूर रहें
➡️ खुले मैदान या खाली स्थान में जाएं
➡️ मोबाइल नेटवर्क प्रभावित होने पर रेडियो या आधिकारिक घोषणाओं पर भरोसा करें
नुकसान का आकलन जारी
हालांकि प्रारंभिक जानकारी के अनुसार किसी बड़े नुकसान की खबर नहीं आई है, लेकिन कई जगहों पर पुरानी इमारतों में दरारें देखने को मिली हैं। प्रशासन ने इंजीनियरों और तकनीकी टीमों को निरीक्षण के लिए भेजा है। रेलवे और मेट्रो सेवाओं की भी जांच की जा रही है।
निष्कर्ष
5.6 तीव्रता वाले इस भूकंप ने भले ही बड़ा नुकसान नहीं पहुंचाया, लेकिन इसने एक बार फिर चेतावनी दे दी है कि प्राकृतिक आपदाएं बिना किसी पूर्व संकेत के आ सकती हैं। कोलकाता और ढाका में महसूस किए गए इस झटके ने लाखों लोगों को डरा जरूर दिया, लेकिन समय पर प्रशासनिक सक्रियता और लोगों की सतर्कता की वजह से स्थिति नियंत्रण में रही। आगे भी इसी तरह की सावधानी और जागरूकता ही संभावित खतरे को कम कर सकती है।
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