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पाकिस्तान में दोहरी मार! TTP का हमला, POK में बगावत और पुलिस का जुल्म – देश में मचा हाहाकार

johar-jharkhand.com
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 प्रस्तावना

पाकिस्तान इस समय एक अभूतपूर्व संकट से गुजर रहा है। एक ओर आतंकवादी संगठन तहरीक-ए-तालिबान पाकिस्तान (TTP) ने सेना और सुरक्षा बलों पर लगातार हमले तेज कर दिए हैं, वहीं दूसरी ओर पाक अधिकृत कश्मीर (POK) में जनता अब खुलकर बगावत पर उतर आई है। इस दोहरी मार के बीच पाकिस्तान की सरकार और सेना दोनों ही बुरी तरह घिर गए हैं। ऊपर से पुलिस की ज्यादतियों ने आम जनता को और अधिक भड़का दिया है।


⚔️ TTP का खौफनाक हमला – पाकिस्तान की नाकामी उजागर

हाल के हफ्तों में पाकिस्तान के खैबर पख्तूनख्वा और बलूचिस्तान इलाकों में TTP के हमले बढ़े हैं। आतंकियों ने न केवल सुरक्षाबलों को निशाना बनाया, बल्कि सरकारी इमारतों और पुलिस थानों को भी तबाह कर दिया।
विशेषज्ञों का मानना है कि TTP का यह उभार पाकिस्तान की आंतरिक सुरक्षा नीति की विफलता को दर्शाता है।

Contents
  • TTP ने दावा किया है कि उनके लड़ाके अब “पाकिस्तान की सेना के खिलाफ जिहाद” जारी रखेंगे।

  • खैबर पख्तूनख्वा में हुए हालिया हमले में 10 से अधिक सैनिक मारे गए।

  • बलूचिस्तान में भी पुलिस चौकियों पर बम धमाकों की खबरें लगातार आ रही हैं।

यह सब तब हो रहा है जब पाकिस्तान की अर्थव्यवस्था पहले से ही ध्वस्त है, और जनता महंगाई व बेरोजगारी से परेशान है।


🔥 POK में बगावत – जनता अब खामोश नहीं

पाक अधिकृत कश्मीर यानी POK में भी हालात तेजी से बिगड़ रहे हैं।
वहां की जनता अब पाकिस्तान प्रशासन के खिलाफ सड़कों पर उतर आई है

  • लोग खुलेआम पाकिस्तान सरकार के खिलाफ नारे लगा रहे हैं।

  • प्रदर्शनकारियों का कहना है कि पाकिस्तान “POK के संसाधनों का दोहन कर रहा है” और बदले में वहां के लोगों को बिजली, पानी और रोज़गार तक नहीं देता।

  • कई जगहों पर लोगों ने पाकिस्तानी झंडे जलाए और “आजादी” के नारे लगाए।

यह बगावत पाकिस्तान के लिए सबसे बड़ा झटका है, क्योंकि अब तक वह POK को “अपना हिस्सा” बताकर अंतरराष्ट्रीय मंचों पर भारत के खिलाफ दुष्प्रचार करता रहा है। लेकिन अब वहां के लोग ही पाकिस्तान के कब्जे के खिलाफ आवाज उठा रहे हैं


🚨 पुलिस का जुल्म – विरोध को कुचलने की कोशिश

जब जनता ने विरोध शुरू किया, तो पाकिस्तान सरकार ने हमेशा की तरह दमनकारी रवैया अपनाया।
POK और खैबर पख्तूनख्वा में पुलिस और अर्धसैनिक बलों ने शांतिपूर्ण प्रदर्शनकारियों पर लाठीचार्ज किया, आंसू गैस छोड़ी और कई जगह गोलीबारी भी की।

  • सैकड़ों प्रदर्शनकारियों को गिरफ्तार किया गया।

  • सोशल मीडिया पर वायरल हो रहे वीडियो में देखा जा सकता है कि पुलिस महिलाओं और बच्चों तक को नहीं बख्श रही।

  • पत्रकारों और एक्टिविस्टों को धमकाया जा रहा है कि वे इन घटनाओं को कवर न करें।

यह सब पाकिस्तान की उस “लोकतांत्रिक छवि” को पूरी तरह उजागर कर रहा है, जिसे वह दुनिया के सामने दिखाने की कोशिश करता है।


💣 दोहरी मार में झुलसता पाकिस्तान

इस समय पाकिस्तान पर दो मोर्चों से हमला हो रहा है —
एक ओर आंतरिक आतंकवाद (TTP), दूसरी ओर जनता का विद्रोह (POK में बगावत)

  • सेना लगातार दावों के बावजूद TTP पर काबू पाने में नाकाम है।

  • POK में बगावत का फैलना पाकिस्तान के लिए नया सिरदर्द बन गया है।

  • अंतरराष्ट्रीय मंच पर भी पाकिस्तान की स्थिति कमजोर होती जा रही है, क्योंकि वहां मानवाधिकार उल्लंघन की खबरें तेजी से फैल रही हैं।

पाकिस्तानी अर्थव्यवस्था पहले ही IMF के कर्ज और महंगाई से जूझ रही है, ऐसे में सुरक्षा संकट ने हालात और भी बिगाड़ दिए हैं।


🌍 अंतरराष्ट्रीय प्रतिक्रिया

भारत सहित कई देशों ने इन घटनाओं पर पैनी नजर रखी है। भारत ने पहले ही कई बार कहा है कि “POK भारत का अभिन्न हिस्सा है” और वहां की जनता की पीड़ा पाकिस्तान की दमनकारी नीतियों का नतीजा है।

अमेरिका और यूरोपीय संघ ने भी TTP के बढ़ते आतंक को लेकर चिंता जताई है, लेकिन पाकिस्तान पर अब कोई खुला भरोसा नहीं दिखा रहे।
कई विशेषज्ञों का मानना है कि अगर पाकिस्तान ने हालात पर तुरंत काबू नहीं पाया तो “नागरिक अशांति” और “सुरक्षा ढांचे के पतन” का खतरा बढ़ सकता है।


📉 अर्थव्यवस्था पर असर

जब किसी देश में आंतरिक अस्थिरता बढ़ती है, तो निवेशक पीछे हट जाते हैं।
पाकिस्तान में भी यही हो रहा है —

  • विदेशी कंपनियाँ अपने प्रोजेक्ट्स रोक रही हैं।

  • पाकिस्तानी रुपये की कीमत रिकॉर्ड गिरावट पर है।

  • महंगाई दर 30% से ऊपर पहुँच चुकी है।

  • बेरोजगारी चरम पर है और जनता सरकार से पूरी तरह नाराज़ है।

इन परिस्थितियों में, TTP और POK दोनों मोर्चों पर पाकिस्तान की कमजोरी उसके भविष्य को और अधिक अंधकारमय बना रही है।


🧭 भविष्य की दिशा – क्या टूटेगा पाकिस्तान?

कई विश्लेषकों का मानना है कि पाकिस्तान अब एक “राजनीतिक व सैन्य टकराव के जाल” में फंस चुका है।
अगर जल्द ही सुधार नहीं हुआ, तो देश गृहयुद्ध जैसी स्थिति की ओर बढ़ सकता है।

POK के विद्रोह से यह भी स्पष्ट है कि वहां की जनता अब पाकिस्तान की “झूठी आजादी” के भ्रम से बाहर आ चुकी है।
दूसरी ओर, TTP के हमले यह साबित करते हैं कि आतंकवाद की जो आग पाकिस्तान ने कभी दूसरों के लिए लगाई थी, अब वही आग उसे खुद जलाने लगी है।


📰 निष्कर्ष

पाकिस्तान आज एक तीन-स्तरीय संकट में है —

  1. आतंकी हमले (TTP)

  2. जनता की बगावत (POK)

  3. पुलिस और सेना का दमन

इन तीनों ने मिलकर पाकिस्तान की जड़ों को हिला दिया है।
दुनिया अब देख रही है कि कैसे “दूसरों को अस्थिर करने वाला देश” खुद अस्थिरता का शिकार हो गया है।

अगर पाकिस्तान को अपने अस्तित्व को बचाना है, तो उसे

  • आतंकवाद के खिलाफ ईमानदार कदम उठाने होंगे,

  • POK के लोगों को आज़ादी और हक देने होंगे,

  • और पुलिस के दमन की जगह लोकतांत्रिक समाधान अपनाना होगा।

वरना यह “दोहरी मार” पाकिस्तान के लिए राजनीतिक अस्तित्व का अंत साबित हो सकती है।

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