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पाकिस्तानी फौज की इज्जत नीलाम, PoK में 10 रुपये में बिकी वर्दी और सामान

johar-jharkhand.com
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पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर (PoK) में हालात लगातार बिगड़ते जा रहे हैं। वहां न सिर्फ आम जनता पाकिस्तान सरकार से नाराज़ है, बल्कि सेना की साख भी बुरी तरह गिर चुकी है। हाल ही में सोशल मीडिया पर ऐसी चौंकाने वाली खबरें सामने आई हैं कि पाकिस्तानी फौजियों से छीने गए हेलमेट और वर्दी तक सड़कों पर मात्र 10-10 रुपये में बेचे जा रहे हैं। यह घटना पाकिस्तानी सेना की गिरी हुई स्थिति और PoK में बढ़ते असंतोष का सबसे बड़ा सबूत मानी जा रही है।


पाकिस्तान और PoK का तनावपूर्ण रिश्ता

PoK, जिसे पाकिस्तान ने 1947 में अवैध रूप से कब्जा कर लिया था, हमेशा से ही इस्लामाबाद की नीतियों का शिकार रहा है। यहां के लोग वर्षों से बुनियादी सुविधाओं—बिजली, पानी, शिक्षा, स्वास्थ्य और रोजगार—की कमी से जूझ रहे हैं।

  • पाकिस्तान सरकार और सेना PoK को केवल “रणनीतिक ठिकाना” मानते हैं।

  • जनता की आवाज़ को कुचलने के लिए वहां सैन्य दमन लंबे समय से चलता आ रहा है।

  • हाल के वर्षों में PoK के लोगों ने पाकिस्तान सरकार और सेना दोनों के खिलाफ खुलकर आवाज उठानी शुरू कर दी है।


फौजियों की वर्दी का 10 रुपये में बिकना – सेना की इज्जत पर करारा तमाचा

सेना किसी भी देश की सम्मान और सुरक्षा की प्रतीक होती है, लेकिन जब उसी सेना के उपकरण सड़क पर कबाड़ की तरह बिकने लगें, तो यह देश की इज्जत पर बड़ा तमाचा होता है।

  • खबरों के अनुसार, PoK के कई इलाकों में पाकिस्तानी सैनिकों की वर्दी, जूते, और हेलमेट 10-10 रुपये में खुलेआम बेचे जा रहे हैं।

  • यह कोई आम चोरी का मामला नहीं है, बल्कि स्थानीय जनता द्वारा सेना से छीने गए सामान की नीलामी है।

  • लोगों में सेना के खिलाफ इतनी नाराज़गी है कि वे फौजियों का मज़ाक उड़ाते हुए उनकी वर्दी को सस्ते दामों पर बेच रहे हैं।


क्यों गिर रही है पाकिस्तानी सेना की साख?

  1. जनविरोधी नीतियां: PoK के लोगों पर दमन और अत्याचार।

  2. भ्रष्टाचार और फिजूलखर्ची: सेना के जनरल और अधिकारी अरबों की संपत्ति जमा कर रहे हैं, जबकि आम लोग गरीबी में जी रहे हैं।

  3. आर्थिक संकट: पाकिस्तान की कमजोर अर्थव्यवस्था की वजह से सैनिकों को भी पर्याप्त संसाधन और सैलरी नहीं मिल रही।

  4. जनता का गुस्सा: PoK के लोग अब सेना को “रक्षक” नहीं, बल्कि “शोषक” मानते हैं।


सोशल मीडिया पर वायरल तस्वीरें और वीडियो

आज के दौर में किसी भी घटना को छिपाना आसान नहीं है। PoK में भी लोगों ने पाकिस्तानी सेना की फजीहत को सोशल मीडिया पर उजागर कर दिया है।

  • तस्वीरों में लोग सैनिकों की वर्दी और सामान को हंसी-मज़ाक के अंदाज़ में बेचते दिख रहे हैं।

  • कई वीडियो में स्थानीय लोग कह रहे हैं—“यह वही सेना है जो हमें सुरक्षा देने आई थी, लेकिन अब उनकी हालत भिखारियों से भी खराब हो गई है।”

  • इस तरह की घटनाएं पाकिस्तान के अंदर और बाहर दोनों जगह उसकी साख पर गहरा असर डाल रही हैं।


भारत के लिए संकेत

भारत लंबे समय से कहता आया है कि PoK में पाकिस्तान ने जबरन कब्जा कर रखा है। वहां की जनता आज़ादी चाहती है।

  • PoK में पाकिस्तानी सेना के खिलाफ जनता का यह गुस्सा भारत के दावे को और मजबूत करता है।

  • अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भी यह संदेश जा रहा है कि पाकिस्तान अपनी ही जनता का विश्वास खो चुका है।

  • यदि हालात ऐसे ही रहे, तो आने वाले समय में PoK पाकिस्तान के लिए बड़ा बोझ साबित हो सकता है।


पाकिस्तानी मीडिया की चुप्पी

पाकिस्तानी मीडिया पर सेना का दबदबा हमेशा से रहा है। इसलिए देश के अंदर इस मुद्दे पर चर्चा नहीं की जा रही।

  • मीडिया यह खबरें दबाने की कोशिश कर रहा है।

  • सेना की छवि खराब होने के डर से वहां ऐसी रिपोर्टिंग को “देशद्रोह” मान लिया जाता है।

  • लेकिन सोशल मीडिया और स्वतंत्र पत्रकारों की वजह से अब सच छिप नहीं पा रहा।


स्थानीय जनता की बढ़ती हिम्मत

PoK की जनता पहले डर के माहौल में जीती थी, लेकिन अब हालात बदल रहे हैं।

  • लोग खुलेआम पाकिस्तानी सेना का विरोध कर रहे हैं।

  • सेना के खिलाफ विरोध प्रदर्शन, रैलियां और नारेबाजी आम हो चुकी है।

  • जनता की यही नाराज़गी अब सेना की वर्दी को 10 रुपये में बिकते सामान में बदल चुकी है।


अंतरराष्ट्रीय मंच पर पाकिस्तान की किरकिरी

पाकिस्तान हमेशा से कश्मीर मुद्दे को लेकर भारत को घेरने की कोशिश करता रहा है, लेकिन अब उसी के कब्जे वाले PoK में हालात काबू से बाहर हैं।

  • संयुक्त राष्ट्र और अन्य अंतरराष्ट्रीय मंचों पर पाकिस्तान की छवि कमजोर हो रही है।

  • दुनिया देख रही है कि पाकिस्तान अपनी ही जनता को खुश नहीं रख पा रहा, तो वह कश्मीर पर कैसे दावा कर सकता है।

  • भारत को इस मुद्दे को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर और मजबूती से उठाने का अवसर मिल गया है।


निष्कर्ष

PoK में पाकिस्तानी सेना की फजीहत की यह घटना सिर्फ एक छोटी सी झलक है उस गुस्से की, जो वर्षों से वहां की जनता के दिल में पल रहा था। सेना की वर्दी और हेलमेट का 10 रुपये में बिकना इस बात का प्रतीक है कि लोग अब सेना को सम्मान नहीं, बल्कि बोझ मानते हैं।

यह सिर्फ पाकिस्तान के लिए ही नहीं, बल्कि पूरे दक्षिण एशिया की राजनीति के लिए बड़ा संकेत है। आने वाले समय में यह असंतोष और बढ़ सकता है और संभव है कि PoK की जनता पाकिस्तान से अलग होकर अपनी आज़ादी की लड़ाई और तेज कर दे।

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