प्रयागराज में लोक सेवा आयोग के बाहर प्रतियोगी छात्रों का धरना, पूरा इलाका पुलिस छावनी में तब्दील
प्रयागराज एक बार फिर से प्रतियोगी छात्रों के आंदोलन का केंद्र बन गया है। उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग (UPPSC) के कार्यालय के सामने बड़ी संख्या में प्रतियोगी छात्र धरने पर बैठ गए हैं। छात्रों के इस विरोध प्रदर्शन के चलते पूरे इलाके को पुलिस छावनी में तब्दील कर दिया गया है। भारी संख्या में पुलिस बल, पीएसी और प्रशासनिक अधिकारी मौके पर तैनात हैं।
धरने की वजह क्या है?
धरने पर बैठे प्रतियोगी छात्रों का आरोप है कि लोक सेवा आयोग द्वारा आयोजित की जाने वाली परीक्षाओं में लगातार देरी, परीक्षा पैटर्न में बार-बार बदलाव, रिज़ल्ट घोषित करने में लापरवाही और भर्ती प्रक्रियाओं में पारदर्शिता की कमी देखने को मिल रही है। छात्रों का कहना है कि वे कई वर्षों से एक ही परीक्षा की तैयारी कर रहे हैं, लेकिन बार-बार नियम बदलने से उनका भविष्य अधर में लटक गया है।
छात्रों का यह भी कहना है कि कुछ भर्तियों में वर्षों बीत जाने के बाद भी अंतिम चयन सूची जारी नहीं की गई, जिससे अभ्यर्थियों का मानसिक और आर्थिक शोषण हो रहा है।
छात्रों की प्रमुख मांगें
धरना दे रहे प्रतियोगी छात्रों ने अपनी मांगों को लेकर स्पष्ट रूप से प्रशासन के सामने आवाज़ उठाई है। उनकी प्रमुख मांगें इस प्रकार हैं:
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लंबित भर्तियों का जल्द से जल्द निस्तारण
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परीक्षा कैलेंडर को समय पर जारी करना
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परीक्षा और रिज़ल्ट प्रक्रिया में पारदर्शिता
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एक जैसी भर्तियों के लिए समान नियम लागू करना
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बार-बार परीक्षा पैटर्न बदलने पर रोक
छात्रों का कहना है कि जब तक उनकी मांगों पर ठोस कार्रवाई नहीं होती, तब तक उनका आंदोलन जारी रहेगा।
पुलिस और प्रशासन अलर्ट
धरने को देखते हुए प्रयागराज प्रशासन ने सुरक्षा के कड़े इंतज़ाम किए हैं। लोक सेवा आयोग परिसर और उसके आसपास भारी पुलिस बल तैनात किया गया है। बैरिकेडिंग कर दी गई है और आम लोगों की आवाजाही पर भी आंशिक रोक लगाई गई है।
प्रशासन को आशंका है कि अगर प्रदर्शन उग्र हुआ तो कानून-व्यवस्था की स्थिति बिगड़ सकती है, इसी वजह से पूरे क्षेत्र को छावनी में तब्दील कर दिया गया है।
छात्रों का आरोप – हमारी बात नहीं सुनी जा रही
धरना दे रहे छात्रों का कहना है कि वे लंबे समय से अपनी समस्याओं को लेकर आयोग और सरकार को ज्ञापन सौंपते आ रहे हैं, लेकिन अब तक कोई ठोस समाधान नहीं निकला है। छात्रों का आरोप है कि सरकार और आयोग दोनों ही उनकी बातों को नज़रअंदाज़ कर रहे हैं।
एक प्रतियोगी छात्र ने कहा,
“हमने अपनी जवानी इन परीक्षाओं की तैयारी में लगा दी, लेकिन सिस्टम की लापरवाही से हमारा भविष्य अंधकार में जा रहा है।”
प्रयागराज – प्रतियोगी छात्रों का हब
गौरतलब है कि प्रयागराज को देशभर में प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी का बड़ा केंद्र माना जाता है। यहां हजारों की संख्या में छात्र UPSC, UPPSC, SSC, रेलवे और अन्य सरकारी भर्तियों की तैयारी करते हैं। ऐसे में लोक सेवा आयोग से जुड़ा कोई भी मुद्दा सीधे तौर पर लाखों छात्रों के भविष्य से जुड़ा होता है।
प्रशासन और आयोग का पक्ष
धरने के बीच प्रशासनिक अधिकारियों ने छात्रों से संवाद करने की कोशिश की है। अधिकारियों का कहना है कि छात्रों की समस्याओं को उच्च स्तर तक पहुंचाया जाएगा और नियमानुसार कार्रवाई की जाएगी। वहीं लोक सेवा आयोग की ओर से फिलहाल कोई आधिकारिक लिखित बयान सामने नहीं आया है, लेकिन अंदरखाने बातचीत जारी होने की बात कही जा रही है।
सोशल मीडिया पर भी समर्थन
प्रतियोगी छात्रों के इस धरने को सोशल मीडिया पर भी व्यापक समर्थन मिल रहा है। ट्विटर, फेसबुक और इंस्टाग्राम पर #UPPSC_Students_Protest और #Prayagraj_Students जैसे हैशटैग ट्रेंड कर रहे हैं। देशभर से छात्र और शिक्षाविद् छात्रों की मांगों को जायज़ बता रहे हैं।
राजनीतिक प्रतिक्रियाएं
इस आंदोलन पर कुछ विपक्षी नेताओं ने भी सरकार को घेरा है। उनका कहना है कि युवाओं के साथ इस तरह का व्यवहार दुर्भाग्यपूर्ण है और सरकार को जल्द से जल्द समाधान निकालना चाहिए। हालांकि सत्तापक्ष की ओर से अब तक कोई ठोस प्रतिक्रिया नहीं आई है।
आगे क्या?
फिलहाल स्थिति पूरी तरह नियंत्रण में है, लेकिन अगर छात्रों की मांगों पर जल्द निर्णय नहीं लिया गया तो आंदोलन और तेज़ हो सकता है। प्रयागराज प्रशासन भी किसी भी स्थिति से निपटने के लिए पूरी तरह तैयार है।
निष्कर्ष
प्रयागराज में लोक सेवा आयोग के सामने प्रतियोगी छात्रों का धरना सिर्फ एक प्रदर्शन नहीं, बल्कि देश के लाखों युवाओं की पीड़ा और भविष्य की चिंता को दर्शाता है। अगर समय रहते इन समस्याओं का समाधान नहीं किया गया, तो यह आंदोलन और व्यापक रूप ले सकता है। अब देखना यह होगा कि सरकार और लोक सेवा आयोग छात्रों की मांगों पर कब और क्या कदम उठाते हैं।
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