रांची की एक दोपहर में हुए इस अपराध ने पूरे शहर को हिला कर रख दिया। अपराधियों का एक समूह, जो काफी सोच-समझ कर योजना बनाकर आया था, ने केवल 5 मिनट में ₹13 लाख की लूट को अंजाम दिया। इस लेख में हम आपको इस पूरी घटना का विस्तार से विश्लेषण करेंगे, ताकि आप समझ सकें कि अपराधियों ने यह अपराध कैसे किया और उनका पलायन कैसे हुआ।
1. तैयारी: अपराधियों की सटीक योजना
लूट को अंजाम देने से पहले अपराधियों ने पूरी तरह से रेकी की। वे उस कैशियर को टार्गेट बना चुके थे, जो रांची में एक प्रमुख आटा कंपनी के फ्रेंचाइजी के लिए काम कर रहा था। लगभग डेढ़ घंटे तक अपराधियों ने कैशियर की गतिविधियों का बारीकी से निरीक्षण किया, ताकि उन्हें लूट को सही समय पर और सही तरीके से अंजाम देने का पूरा भरोसा हो।
दिन के 11 बजे, अपराधियों में से एक ने पंडरा रोड पर स्थित कंपनी के दफ्तर के पास चाय पीते हुए कैशियर की गतिविधियों पर नज़र रखी। इसके बाद 12:30 बजे, कैशियर ने ₹13 लाख से भरा लाल बैग लेकर दफ्तर से बाहर कदम रखा और बैंक जाने के लिए कार में बैठा। इस दौरान अपराधी ने पूरी जानकारी अपने अन्य साथियों को मोबाइल फोन से दी, जो बैंक के पास खड़े थे।
2. अंजाम: अपराधियों ने कितनी जल्दी किया लूट
करीब 12:45 बजे, कैशियर बैंक के पास पहुंचा। जैसे ही उसने अपनी कार रोकी, अपराधियों ने अपनी योजना को अंजाम देना शुरू कर दिया। एक अपराधी ने पिस्टल निकालकर कैशियर को कार के अंदर खींच लिया, जबकि दूसरे अपराधी ने पिस्टल तानकर उसे दबाव में डाला। उन्होंने सर्दी से भरे बैग को खींच लिया और तेजी से वहां से भागने लगे।
3. होटल मालिक की साहसिक कोशिश: अपराधियों को रोकने की कोशिश
जैसे ही अपराधी भाग रहे थे, पास ही एक होटल मालिक ने अपराधियों को रोकने की कोशिश की। लेकिन अपराधियों ने उसे भी गोली मार दी। गोली होटल मालिक को पेट में लगी, जिससे वह बुरी तरह घायल हो गया। घायल होटल मालिक ने जान बचाने के लिए नजदीकी कार एक्सेसरीज की दुकान में घुसकर शरण ली। यह घटना केवल पांच मिनट में हुई, और इसके बाद अपराधी तेजी से अपने पहले से तय मार्ग से भागने में सफल हो गए।
4. घटना के बाद: पुलिस और जनता का रिएक्शन
घटना की जानकारी फैलते ही, आसपास के इलाके में हड़कंप मच गया। लोग घबराए हुए थे और कई लोग घटनास्थल पर पहुंच गए। पुलिस ने तुरंत ही अपराधियों के पीछे पीछा किया, लेकिन अपराधी उस समय तक गायब हो चुके थे। हालांकि घायल होटल मालिक ने पुलिस को कुछ जानकारी दी, जिससे पुलिस को अपराधियों का कुछ पता चला, लेकिन वे पकड़े नहीं जा सके।
5. अपराधियों की स्मार्ट योजना और सफल भागने की कहानी
यह लूट पूरी तरह से अपराधियों की अच्छी योजना का परिणाम थी। उन्होंने न सिर्फ लूट की योजना बनाई, बल्कि अपने भागने के रास्तों को भी पहले से तय कर लिया था। उनका सावधानी से किया गया काम और समय की सटीकता ने उन्हें पुलिस से बचने में मदद की।
निष्कर्ष: सुरक्षा और जागरूकता की अहमियत
यह घटना हमें यह याद दिलाती है कि हमे अपनी सुरक्षा को लेकर अधिक सतर्क रहना चाहिए। खासकर उन लोगों को जो बड़ी रकम लेकर बैंक या किसी अन्य स्थान पर जा रहे हैं। साथ ही, यह भी जरूरी है कि हम अपराधों को रोकने के लिए बेहतर सुरक्षा उपायों को अपनाएं। पुलिस और जनता दोनों का सहयोग इस प्रकार के अपराधों को रोकने में अहम भूमिका निभा सकता है।
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