Reading: US की बड़ी घोषणा से हलचल: आखिर क्यों डूबे तीन दिन में 8 लाख करोड़?

US की बड़ी घोषणा से हलचल: आखिर क्यों डूबे तीन दिन में 8 लाख करोड़?

johar-jharkhand.com
8 Min Read

US की बड़ी घोषणा से हलचल: आखिर क्यों डूबे तीन दिन में 8 लाख करोड़?

भारत का शेयर बाजार पिछले कुछ दिनों से जबरदस्त उतार-चढ़ाव से गुजर रहा है। केवल तीन दिनों में निवेशकों की करीब 8 लाख करोड़ रुपये की संपत्ति हवा हो गई। मार्केट में अचानक आई इस गिरावट ने छोटे से लेकर बड़े सभी निवेशकों के होश उड़ा दिए हैं। लेकिन आखिर ऐसा क्या हुआ कि मार्केट में एकदम से बिकवाली बढ़ गई? इसके पीछे दो बहुत बड़े कारण सामने आए हैं—(1) ग्लोबल मार्केट में कमजोरी और US में होने वाली महत्वपूर्ण घोषणा, और (2) घरेलू आर्थिक संकेतों में गिरावट

Contents
  • अब मार्केट कहाँ जाएगा? Expert View
  • निवेशकों को क्या करना चाहिए? (Safe Strategy)
  • कौन-कौन से सेक्टर्स पर सबसे ज्यादा दबाव?
  • किस सेक्टर में Buying Opportunity बन रही है?
  • निष्कर्ष: US की बड़ी खबर तय करेगी मार्केट का अगला कदम
  • आइए पूरे मामले को विस्तार से समझते हैं और यह भी जानते हैं कि आने वाली US की खबर भारतीय बाजार को किस तरह प्रभावित कर सकती है।


    1) US की तरफ से आने वाली बड़ी खबर ने बढ़ाई हलचल (FOMC, Interest Rates & Inflation Alert)

    भारतीय शेयर बाजार पर सबसे ज्यादा प्रभाव अमेरिका की मौद्रिक नीति (Monetary Policy) का पड़ता है। इसी हफ्ते US Federal Reserve की तरफ से एक महत्वपूर्ण ऐलान होने वाला है। यह घोषणा ब्याज दरों (Interest Rates) और महंगाई (Inflation Data) से जुड़ी है।

    → क्यों है ये खबर इतनी बड़ी?

    अगर US ब्याज दरों को बढ़ाने का संकेत देता है, तो विदेशी निवेशक (FIIs) अमेरिकी बॉन्ड मार्केट की तरफ पैसा शिफ्ट करते हैं। इसका असर सीधे भारतीय मार्केट पर पड़ता है:

    ➡️FII पैसे निकालते हैं →

    ➡️मार्केट में भारी बिकवाली होती है →

    ➡️सेंसेक्स और निफ्टी में तेज गिरावट देखने को मिलती है

    US में इस बार महंगाई उम्मीद से ज्यादा बनी हुई है। इसके चलते फेड की पॉलिसी और सख्त होने की आशंका बढ़ गई है। यही कारण है कि निवेशकों ने रिस्क कम करने के लिए बिकवाली शुरू कर दी

    → डॉलर इंडेक्स में तेजी और रुपए पर दबाव

    डॉलर की मजबूती का मतलब है कि विदेशी निवेशकों के लिए भारतीय मार्केट कम आकर्षक हो जाता है। पिछले तीन दिनों में:

    ➡️डॉलर इंडेक्स मजबूत हुआ

    ➡️भारतीय रुपया कमजोर हुआ

    ➡️FII आउटफ्लो तेज हुआ

    यह एक ऐसा चेन रिएक्शन है जो शेयर बाजार को नीचे खींचता है।


    2) घरेलू बाजार में कमजोरी—GDP, IIP और Corporate Earnings ने बिगाड़ी स्थिति

    भारत के अंदर भी कुछ बड़े आर्थिक संकेतों ने मार्केट का भरोसा कमजोर किया है।

    → GDP ग्रोथ उम्मीद से कम

    ताजा आंकड़ों में GDP ग्रोथ में थोड़ी धीमी रफ्तार देखने को मिली। जब अर्थव्यवस्था की वृद्धि कमजोर होती है, तो:

    ➡️कंपनियों की कमाई पर असर पड़ता है

    ➡️निवेशकों का भरोसा घटता है

    ➡️मार्केट में गिरावट आती है

    → IIP (Industrial Production) में गिरावट

    उद्योगों का उत्पादन कम होना इस बात का संकेत है कि अर्थव्यवस्था में सुस्ती बढ़ रही है। यह सीधे मार्केट सेंटिमेंट को निगेटिव बनाता है।

    → कॉर्पोरेट अर्निंग्स कमजोर आने लगीं

    कुछ बड़ी कंपनियों के तिमाही नतीजे उम्मीद के मुताबिक नहीं रहे। खासकर:

    ➡️IT

    ➡️मेटल

    ➡️बैंकिंग

    इन सेक्टर्स में गिरावट ने इंडेक्स को नीचे खींचा।


    तीन दिन में 8 लाख करोड़ क्यों डूबे? पूरा मार्केट कैप कैसे गिरा?

    जब इंडेक्स लाल निशान में आता है, तो इसका असर कुल मार्केट कैपिटलाइज़ेशन पर पड़ता है। पिछले तीन दिनों में:

    ➡️सेंसेक्स 1500+ पॉइंट गिरा

    ➡️निफ्टी 450+ पॉइंट नीचे आया

    ➡️Midcap और Smallcap में 3–5% तक की गिरावट

    ➡️कुल मिलाकर 8 लाख करोड़ से ज्यादा संपत्ति घट गई

    Midcap और Smallcap में तो निवेशकों को सबसे ज्यादा चोट लगी। ये दोनों इंडेक्स तेजी के बाद हमेशा ज्यादा गिरते हैं—इसे प्रोफेशनल भाषा में High Beta Correction कहा जाता है।


    US की आने वाली बड़ी खबर: निवेशक डर क्यों रहे हैं?

    निवेशक इसलिए चिंतित हैं क्योंकि US की घोषणा पर ये तीन बड़े फैसले आ सकते हैं:

    (1) ब्याज दरों में बढ़ोतरी का संकेत

    यदि Federal Reserve “Higher for Longer” की नीति दोहराता है, तो मार्केट में गिरावट और गहरी हो सकती है।

    (2) महंगाई को लेकर सख्त बयान

    अगर महंगाई पर Fed का टोन सख्त रहता है, तो ग्लोबल मार्केट दबाव में आएंगे।

    (3) बैलेंस शीट कड़े करने की नीति (QT)

    अगर Fed ने Liquidity कम करने का फैसला किया, तो Emerging Markets (India सहित) में भारी आउटफ्लो देखने को मिलेगा।


    अब मार्केट कहाँ जाएगा? Expert View

    विशेषज्ञों के अनुसार मार्केट में यह गिरावट एक टेक्निकल करेक्शन है। लंबे समय से बाजार लगातार ऊपर जा रहा था, इसलिए हल्की गिरावट स्वाभाविक थी। लेकिन US की घोषणा ने इस करेक्शन को तेज बना दिया।

    Short Term (1–2 हफ्ते):

    ➡️निफ्टी में 200–300 पॉइंट और गिरावट संभव

    ➡️सेंसेक्स 600–800 पॉइंट और टूट सकता है

    ➡️Midcap & Smallcap और दब सकते हैं

    Long Term (6–12 महीने):

    ➡️भारत दुनिया की सबसे तेज बढ़ती अर्थव्यवस्था है

    ➡️चुनावी वर्ष से पहले बाजार में स्थिरता लौटती है

    ➡️FII & DII दोनों के निवेश बढ़ने की संभावना


    निवेशकों को क्या करना चाहिए? (Safe Strategy)

    ✔ Panic selling न करें

    गिरावट के समय बेचकर नुकसान बढ़ाना सबसे बड़ी गलती होती है।

    ✔ Quality Stocks में SIP जारी रखें

    लॉन्ग टर्म निवेशक के लिए यह समय डिस्काउंट पर खरीदने का अवसर होता है।

    ✔ Smallcap में सावधानी

    छोटे शेयरों में ज्यादा गिरावट आती है—risk management जरूरी है।

    ✔ US Fed के बयान के बाद ही बड़ा निर्णय लें

    Fed की घोषणा तय करेगी कि बाजार का अगला ट्रेंड कैसा होगा।


    कौन-कौन से सेक्टर्स पर सबसे ज्यादा दबाव?

    1. IT Sector

    US recession fear → Indian IT stocks down
    Wipro, HCL, Infosys, TCS में गिरावट आई।

    2. Banking

    ब्याज दरों की अनिश्चितता → बैंकिंग सेक्टर under pressure।

    3. Metals

    ग्लोबल मांग कमजोर → मेटल स्टॉक्स में बिकवाली।


    किस सेक्टर में Buying Opportunity बन रही है?

    कुछ सेक्टर्स में गिरावट के बावजूद लॉन्ग-टर्म ग्रोथ दिख रही है:

    ➡️FMCG

    ➡️Pharma

    ➡️Energy

    ➡️PSU Stocks

    ➡️Rail & Infra

    इनमें गिरावट के समय निवेशक अच्छे दाम पर खरीद कर सकते हैं।


    निष्कर्ष: US की बड़ी खबर तय करेगी मार्केट का अगला कदम

    भारतीय बाजार की गिरावट के पीछे दो बड़े कारण साफ-साफ दिख रहे हैं—US की आने वाली सख्त नीति और घरेलू आर्थिक संकेतों में कमजोरी। तीन दिनों में 8 लाख करोड़ का डूबना चिंताजनक है, लेकिन यह गिरावट हमेशा नहीं रहने वाली। जैसे ही अमेरिकी घोषणा स्पष्ट होगी, बाजार में स्थिरता लौटने की उम्मीद है।

    अगर आप निवेशक हैं तो यह समय समझदारी से काम लेने का है। Panic नहीं, Strategy अपनाएं।

    👉 आगे पढ़ें : क्या झारखंड राजभवन अब ‘बिरसा भवन’ कहलाएगा? जानें पूरा मामला और विवाद

    Share This Article
    Leave a Comment