झारखंड के लातेहार में उग्रवादियों का आतंक: कोयला परिवहन पर हमला, पांच ट्रकों को किया आग के हवाले

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लातेहार, झारखंड: कोयला समृद्ध क्षेत्र लातेहार के तुबेद कोल माइंस में उग्रवादियों ने मंगलवार की मध्य रात्रि को पांच हाईवा वाहनों को आग के हवाले कर दिया। झारखंड प्रस्तुति कमेटी (JPC) उग्रवादी संगठन द्वारा अंजाम दी गई इस घटना में फायरिंग और वाहनों में आगजनी के साथ ही चालकों के साथ मारपीट भी की गई।

चौथी बार हुआ हमला


यह घटना पहली बार नहीं है। कोल माइंस क्षेत्र में उग्रवादियों का यह चौथा बड़ा हमला है। इसके पहले जेजेएमपी, टीपीसी, और जेएलटी जैसे अन्य उग्रवादी संगठनों ने भी इस क्षेत्र में अपनी धमक दिखाई है। इन सभी घटनाओं का मुख्य कारण रंगदारी वसूली का मामला है।

घटना का विवरण


मंगलवार की रात करीब 12 बजे, तुबेद कोल माइंस के पास कोयला परिवहन में लगे पांच हाईवा ट्रकों पर उग्रवादियों ने हमला कर दिया। घटनास्थल पर 120 राउंड से अधिक फायरिंग हुई, जिससे पूरा क्षेत्र दहशत में आ गया। उग्रवादियों ने न केवल वाहन चालकों के साथ मारपीट की, बल्कि उन्हें क्षेत्र छोड़ने की धमकी भी दी।

घटना के बाद, पांचों ट्रकों को आग के हवाले कर दिया गया, जिससे करोड़ों रुपये का नुकसान हुआ है।

पुलिस की नाकामी पर सवाल


घटनास्थल के पास पुलिस पिकेट स्थापित होने के बावजूद उग्रवादियों का इस तरह हमला करना सुरक्षा व्यवस्था पर गंभीर सवाल खड़े करता है। क्षेत्रीय निवासियों ने पुलिस की निष्क्रियता पर नाराजगी जताई है।

उग्रवाद का बढ़ता आतंक


झारखंड के कोल माइंस क्षेत्र में उग्रवादी संगठनों की सक्रियता बढ़ती जा रही है। इन संगठनों का मुख्य उद्देश्य लेवी वसूली (अवैध कर वसूली) करना है। रंगदारी न देने पर ये संगठन व्यवसायों और उनके संसाधनों को निशाना बनाते हैं।

विशेषज्ञों की राय


उग्रवाद विशेषज्ञों का मानना है कि:

  1. कोल माइंस क्षेत्र में पुलिस और सुरक्षा बलों की उपस्थिति बढ़ाने की आवश्यकता है।
  2. उग्रवादी संगठनों को आर्थिक रूप से कमजोर करने के लिए सरकारी योजनाओं का बेहतर क्रियान्वयन जरूरी है।
  3. स्थानीय समुदाय को जागरूक और सशक्त बनाकर उग्रवाद को कम किया जा सकता है।


    प्रशासन की प्रतिक्रिया

इस घटना के बाद प्रशासन हरकत में आ गया है। पुलिस ने घटनास्थल का दौरा किया और जांच शुरू कर दी है। प्रशासन ने यह भी कहा है कि कोल माइंस क्षेत्र में सुरक्षा बढ़ाने के लिए विशेष बलों की तैनाती की जाएगी।

स्थानीय निवासियों की मांग


इस घटना से स्थानीय लोग भयभीत हैं। उन्होंने प्रशासन से कोल माइंस क्षेत्र में स्थायी पुलिस बल की तैनाती और उग्रवादी संगठनों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग की है।

झारखंड में उग्रवाद की चुनौती और समाधान


झारखंड में उग्रवाद एक गंभीर समस्या है, खासकर कोयला समृद्ध क्षेत्रों में। उग्रवादी संगठन सरकारी और निजी संसाधनों को निशाना बनाकर अपनी ताकत का प्रदर्शन करते हैं।

इस समस्या से निपटने के उपाय:

  1. सुरक्षा में सुधार: कोल माइंस क्षेत्रों में पुलिस और सीआरपीएफ की गश्त बढ़ाई जाए।
  2. स्थानीय रोजगार: रोजगार के अवसर बढ़ाकर युवाओं को उग्रवाद से दूर किया जा सकता है।
  3. सामुदायिक भागीदारी: स्थानीय लोगों की सहभागिता से उग्रवाद के खिलाफ ठोस कदम उठाए जा सकते हैं।
  4. सरकारी योजनाएं: नक्सल प्रभावित क्षेत्रों के विकास के लिए केंद्र और राज्य सरकार को मिलकर काम करना चाहिए।


निष्कर्ष


लातेहार की तुबेद कोल माइंस में हुआ यह हमला झारखंड में उग्रवाद की बढ़ती चुनौती को दर्शाता है। सुरक्षा बलों और प्रशासन को इन घटनाओं पर तत्काल कार्रवाई करनी चाहिए। साथ ही, सरकार को दीर्घकालिक समाधान के लिए आर्थिक और सामाजिक विकास पर ध्यान देना होगा।

क्या झारखंड में उग्रवाद को समाप्त करने के लिए आप भी कोई सुझाव देना चाहते हैं? नीचे कमेंट करें।

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